मंत्र जप के पश्चात् सविधि हवन, तर्पण एवं मार्जन करना चाहिए।
2.
(अ) मंत्र स्नान-आपो हि ष्ठा ' इत्यादि मंत्रो से मार्जन करना
3.
जप के क्रमानुसार, जप संख्या का दशांश हवन तथा क्रमानुसार दशांश तर्पण और मार्जन करना चाहिए।
4.
होम का दशांश तर्पण और तर्पण का दशांश मार्जन करना तथा मार्जन का दशांश विप्र भोज कराना चाहिए।
5.
जितना जप किया जाए उसके दशांश का हवन, हवन के दशांश का तर्पण और तर्पण के दशांश का मार्जन करना तथा मार्जन के दशांश का ब्राह्मण भोजन कराना चाहिए।
6.
इसलिए आज यदि हम सच में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों विशेषकर बलात्कार को रोकना चाहते हैं तो साहित्य व मीडिया और शिक्षा पध्दति तीनों का परिष्कार व मार्जन करना होगा।
7.
इसलिए आज यदि हम सच में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों विशेषकर बलात्कार को रोकना चाहते हैं तो साहित्य व मीडिया और शिक्षा पध्दति तीनों का परिष्कार व मार्जन करना होगा।
8.
इस बगलामुखी मन्त्र के नारद ऋषि है, बृहती छंद है, बगलामुखी देवता हैं, ह्लीं बीज है, स्वाहा शक्ति है और सभी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिये इस मन्त्र के जप का विधान है | इसका पुरश्चरण एक लाख जप है | चंपा के फूलों से दस हजार होम करना चाहिये, एक हजार बार तर्पण करना चाहिये सौ बार मार्जन करना चाहिये और दस ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिये | इससे मन्त्र सिद्ध हो जाता है | जब मन्त्र सिद्ध हो जाये तब प्रयोग करना चाहिये |